
ITR Filing 2025: भारत में आमतौर पर आयकर देना हर उस व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है, जो टैक्स स्लैब में आता है. लेकिन सिक्किम के लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ता. यह भारत का एक छोटा लेकिन समृद्ध राज्य है, जहां की अर्थव्यवस्था करोड़ों की कमाई करती है, फिर भी यहां के नागरिकों को आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने से छूट मिली हुई है.
इस वजह से मिली है छूट
सिक्किम के लोगोंको टैक्स ना दिने के पीछे वजह है. भारत के संविधान का अनुच्छेद 371(F) और आयकर अधिनियम की धारा 10(26AAA)। ये प्रावधान सिक्किम के मूल निवासियों को टैक्स में विशेष छूट प्रदान करता हैं. जिस वजह से इस प्रदेश की जनता को टैक्स में छूट मिला हैं. यह भी पढ़े: ITR Filing Deadline Extended: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख बढ़ी; अब 15 सितंबर 2025 तक कर सकेंगे फाइल, यहां मिलेगी डिटेल
इतिहास से जुड़ी है टैक्स छूट
दरअसल साल 1975 में जब सिक्किम भारत में विलय हुआ था, तब हुए समझौते के अनुसार इस क्षेत्र को कुछ विशेष अधिकार दिए गए थे. इन्हीं अधिकारों में टैक्स छूट भी शामिल है. छूट में चाहे कारोबरी हो या नौकरी पेशा करने वाले लोग. किसी को टैक्स नहीं देने होंगे.
बाहरी नागरिकों को देने होते हैं टैक्स
यह टैक्स छूट सिर्फ सिक्किम के मूल निवासियों के लिए मान्य है. जो व्यक्ति सिक्किम में जन्मे और पले-बढ़े हैं, उन्हें ही इसका लाभ मिलता है. बाहरी नागरिकों और कंपनियों को इस छूट का लाभ नहीं मिलता। उन्हें भारत के अन्य राज्यों की तरह आयकर देना होता है.